मिक्स एंड मैच भाग 4
भावना और कला का समन्वय
शरद ऋतु आने से पहले अलमारियों की रद्दोबदल होने लगती है।सिल्क की साड़ी निकाली जाती हैं और सूती सहेज कर रख दी जाती हैं।इसी प्रक्रिया में मम्मी की साड़ी निकली उसमें छेद छेद से हो रहे थे। मैंने कहा मम्मी अब इसको हटा ही देते है,किसी को दे भी नहीं सकते।मम्मी धीरे से बोली इसका बॉर्डर और पल्ला बहुत सुन्दर है एकदम नया सा लगता है।मेरी कोई प्रतिक्रिया न देखकर बोली तुम्हें पता है ये मेरी गोदभराई की साड़ी है,,,मैं भौंचक। साड़ी लेकर घर आ गई।मिक्स और मैच करके ड्रॉइंग रूम को नया रूप दे दिया।अच्छा लग रहा है न,,,,,
बीच की टेबिल पर पल्ले और साइड पर बॉर्डर लगाया।चारों ओर साड़ी के स्कर्ट बॉर्डर को पैच किया।
कुशन कवर पर बूटों को पैच किया। साइड स्टूल के किनारों पर बॉर्डर लगाया।
और हो गया ड्राइंग रूम तैयार।
No comments:
Post a Comment